IF YOU FACING ANY TYPE OF LOVE PROBLEMS, MARRIAGE PROBLEM, FAMILY DISPUTE SO JUST CONTACT US & WE WILL GIVE YOU A SATISFIED SOLUTION & HAPPY LIFE

consult any time

online Astrology Services

If You Facing Any Problems So Just Contact Pt. A.K.Sharma
One Call can Change Your Life..
Love Problem Solution, Love Marriage Solution, Get Love Back Solution, Husband Wife Problem Solution, Business Problem Solution, Love Dispute Problem Solution, Divorce Problem Solution, Your All Problem Solution by Astrologer A.K.Sharma 100% Privacy & Satisfaction
+91-8107062437

देवउठनी एकादशी 2019 जाने मंत्र, लोक कहावत, महत्व एवं शुभ मुहूर्त

devuthani ekadashhi

2019 में देव उठनी एकादशी 8 नवंबर को आ रही है।  देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु विश्राम से जागते है और सृष्टि का सारा कार्य- भार संभालते है। इस दिन यानी की एकादशी के दिन सभी मंगल कार्य शुरू किये जाते है। इस दिन तुलसी विवाह करने की भी परंपरा है।हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह के शयन करने के बाद में जागते है। हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के शयनकाल के चार महीने में विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किये जाते है। क्योकि कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधनी एकादशी के नाम से कहा जाता है। देवउठनी एकादशी दिवाली के बाद में आती है।

देवउठनी एकादशी व्रत

देवउठनी एकादशी वाले दिन प्रातः काल उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और उसके बाद में भगवान विष्णु का ध्यान करे।

जब आप स्नान आदि से निवृत्त हो जाये तो उसके बाद में घर के आँगन में भगवान् विष्णु के चरणों की आकृति बनाए।

उसके बाद में एक ओखली में गेरू से चित्र बनाकर फल, मिठाई, बेर, सिंघाड़े, ऋतुफल और गन्ना रख कर उसे डलिया से ढक देना चाहिए।

देवउठनी एकादशी के दिन रात्रि में घरों के बाहर और पूजा स्थान पर दिए जलाने चाहिए। रात्रि के समय घर के सभी सदस्यों को भगवान विष्णु समेत सभी देवी देवताओं का भी पूजन करना चाहिए।

पौराणिक समय से यह प्रथा चली आई है कि भगवान विष्णु को शंख, घंटा घड़ियाल आदि बजाकर उठाना चाहिए एवं लोक कहावत को दोहराना चाहिए।

उठो देवा, बैठो देवा, आंगुरिया चटकाओ देवा, नई सूत, नई कपास, देव उठाएं। देव उठाएं भाग्य जगावे… उठो देवा, बैठो देवा…

उठो देव सांवरा, भाजी बोर आंवला, सांटा(गन्ना) की झोपड़ी और शंकर जी की यात्रा

अर्थात् सांवले सलोने भगवान विष्णु जी आप अपनी नींद से जागिए,

भाजी, बेर और आंवले का भोग लीजिए और शंकर जी को कैलाश की यात्रा की अनुमति दीजिए, सृष्टि का भार आप संभालिए….

देवउठनी एकादशी के दिन दान, पुण्य आदि करने का बहुत ही विशेष महत्व है और ऐसा करने से लाभ प्राप्त होता है।

देवउठनी एकादशी का मंत्र

“उत्तिष्ठो उत्तिष्ठ गोविंदो, उत्तिष्ठो गरुणध्वज।

  उत्तिष्ठो कमलाकांत, जगताम मंगलम कुरु।।”

इसका मतलब यह है कि पालनकर्ता भगवान विष्णु उठिये और मंगल कार्य की शुरुआत करे। जब देवशयनी एकादशी आई थी तो भगवान विष्ष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले गए थे। इन चार महीनो में भगवान शिव सृष्टि का पालन करे थे। इस दौरान विवाह, उपनयन संस्कार जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।

देवउठनी एकादशी व्रत मुहूर्त

7 नवंबर 2019 प्रात: 09:55 से 8 नवंबर 2019 को रात 12:24 तक

Like & Share our Facebook Page.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Contact for Immediately Solution Astrologer
A. K. Sharma: +91-8107062437

What Our Clients Say ?

Excellent Service! I would look forward to speaking with you again. Thank You astrologer A. K. Sharma

Ajay Kumar

One of the best astrologer in city . Simple and clearly explains all problem solutions .i feel such a positive vibes and energy after meeting with Astrologer A. K. Sharma Ji

Rajeev Bhadra

I am very happy with astrologer A. K. Sharma Ji he is giving me right advice for my problem easy remedies and perfect solutions thanks S. K. Sharma Ji

Nikhil Jain

Thanks astrologer A.K.Sharma Ji for My business problem solution. Your advice changed my life.

Vijay Mittal

Astrology Services

100% Satisfaction And Guranteed Solution